उत्तरकाशीउत्तराखंडक्राइमलापरवाहींसामाजिकस्वास्थ्य

आखिर कब तक ! एसडीएच पुरोला के डॉक्टरों की लापरवाही/मनमानी का दंश झेलेंगे मरीज

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

पड़ताल

पुरोला UTTARKASHI, रवांई पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन की टीम ने सोमवार को उपजिला चिकित्सालय पुरोला की पड़ताल की, जहां भारी खामियां देखने को मिली है। यहां चिकित्सक भी समय पर नहीं पहुंचते हैं। एसोसिएशन के संरक्षक जयवीर सिंह रावत ने 15 दिन के अन्दर चिकित्सालय की व्यवस्था दुरुस्त न करने पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।

स्थान- उपजिला चिकित्सालय पुरोला,समय सुबह 8:30बजे : चिकित्सालय के प्रांगण में कुछ मरीज मौजूद, आपातकालीन वार्ड में डाॅक्टर अभिजीत डोगरा मरीजों को देखते हुए मिले। चिकित्सालय में कुछ नर्सिंग स्टॉफ मौजूद।

समय 8:54 बजे सुबह : पर्ची बनाने हेतु मरीजों की कतार लगनी शुरू, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा0 किरन नेगी अपने कक्ष में पहुंचती है।

समय 9:5 बजे सुबह : हमारी टीम द्वारा सीएमओ आरसीएस पंवार से सम्पर्क किया जाता है कि डाॅक्टरों का समय 9 बजे से तीन बजे का है लेकिन अभी तक यहां मात्र दो चिकित्सक ही मौजूद हैं, तो इस पर सीएमओ पंवार ने कहा कि मै देखता हूं।

समय 9:17बजे सुबह : हमारी टीम द्वारा इस संबंध में डीएम अभिषेक रूहेला को अव्यवस्थाओं से अवगत कराया जाता है तो जिसमें डीएम ने कहा कि मै मामले को दिखवाता हूं।

उपजिला चिकित्सालय (SDH) पुरोला इन दिनों डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ की लापरवाही से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं। मरीज जब स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो उन्हें डॉक्टर नहीं मिलते है।

मौसमी बीमारियों खांसी, जुकाम की वजह से SDH में मरीजों की संख्या दिन -प्रतिदिन बढ़ने लगी है, लेकिन डॉक्टर कभी भी यहां समय से नहीं आते हैं, जबकि साढ़े आठ बजे से ही यहां मरीजों का आना शुरू हो जाता है।

उपजिला चिकित्सालय डॉक्टरों की मनमानी से बेहाल हो गया है। डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों में आक्रोश है। अस्पताल में डॉक्टर कब आते हैं और कब चले जाते हैं इसका पता ही नहीं चलता है।

आपको बताते चले कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला उपजिला चिकित्सालय में तब्दील तो कर दिया गया है, लेकिन संसाधनों का अभाव जस का तस बना हुआ है। इतना ही नहीं जब सीएचसी पुरोला का उपजिला चिकित्सालय में उच्चीकरण किया गया तो सोशल मीडिया पर उस समय कुछ नेताओं द्वारा श्रेय लेने की होड़ मची हुई थी लेकिन संसाधनों की ओर किसी भी नेता का ध्यान नहीं गया है।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य केंद्र पुरोला शुरू से ही विवादों का केंद्र रहा है इसके लिए यहां तैनात स्थानीय लोगों को दोषी माना जा रहा है। जिसने भी कभी यहां खुलकर बोलने या शिकायत करने की बात की तो उसे यहां तैनात स्टाॅफ द्वारा फर्जी मुक़दमे, सरकारी कार्य में बाधा डालने की धमकी दी जाती है।

 नियमानुसार बिलिंग का एक ही काउंटर होना चाहिए लेकिन यहां अल्ट्रासाउंड, एक्स रे, लैब आदि की बिलिंग अलग- अलग की जाती है। अल्ट्रासाउंड की यहां प्राप्ति रसीद भी नहीं दी जाती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button