अल्मोड़ाउत्तरकाशीउत्तराखंडबाल साहित्य सम्मान 2024

महावीर रवांल्टा को मिलेगा बाल साहित्य सम्मान-2024

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

पुरोला Uttarkashi, सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को त्रैमासिक पत्रिका ‘बालप्रहरी’ एवं बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा बाल साहित्य सम्मान-2024 से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें मानिला(अल्मोड़ा) में 8, 9 व 10 जून को आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में प्रदान किया जाएगा जिसमें स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्र व नगद राशि शामिल होगी। महावीर रवांल्टा को यह सम्मान उनके बाल कहानी संग्रह ‘जुगनू की पढ़ाई’ के लिए दिया जा रहा है।

10 मई सन् 1966 ई को रवांई क्षेत्र के सुदूरवर्ती सरनौल गांव में जन्मे महावीर रवांल्टा साहित्य की विभिन्न विधाओं में 41 पुस्तकें लिख चुके हैं। जिनमें ‘ननकू नहीं रहा’,’ गोलू पढेगा’,’विनय का वादा’,’ अनोखा जन्मदिन’,’ सफलता का शिखर’,’ उतराखण्ड की लोककथाएं’,’ दैत्य और पांच बहिनें’,’ढेला और पता’,’ चल मेरी ढोलक ठुमक ठुम’ बाल साहित्य की कृतियां हैं। देशभर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं के प्रकाशन व आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से उनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है।

बाल साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान के लिए उन्हें देश के विभिन्न राज्यों से एक दर्जन से अधिक सम्मान मिल चुके हैं। बच्चों के लिए लेखन के साथ ही उन्होंने उनके साथ अनेक नाटक भी मंचित किए जिनमें सत्यवादी हरिश्चन्द्र, अहिल्या उद्धार, श्रवण कुमार,मौत का कारण,अधूरा आदमी,जीतू बगड्वाल, साजिश,ननकू नहीं रहा’ शामिल हैं।मानिला में आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में डॉ लता अग्रवाल, डॉ प्रीति प्रवीण करें (भोपाल)इंजी आशा शर्मा (बीकानेर) दीनदयाल शर्मा (हनुमानगढ़) इंद्रदेव भारती, डॉ राकेश चक्र(मुरादाबाद) राज नारायण बोहरे (दतिया)विमला नागला(अजमेर) कृष्ण चन्द्र महादेवियां(मंडी) को भी उनकी कृतियों के लिए बाल साहित्य सम्मान -2024 से सम्मानित किया जाएगा। इसकी जानकारी बाल साहित्य संस्थान के सचिव उदय किरौला की ओर से दी गई है।

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