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अनुरूपा ‘अनुश्री’ की रवांल्टी कविता संग्रह “ताऊं घाट” का लोकार्पण 

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

अनुरूपा ‘अनुश्री’ की रवांल्टी कविता संग्रह “ताऊं घाट” का लोकार्पण 

पुरोला UTTARKASHI. मोरी विकासखंड के टौंस नदी के तट पर स्थित राजकीय इंटर कालेज मोरी में नानई गांव निवासी अनुरूपा ‘अनुश्री’ की रवांल्टी कविता संग्रह “ताऊं घाट” का लोकार्पण एक सादे समारोह में प्रख्यात साहित्यकार उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान, व अनेकों सम्मानों से अलंकृत महावीर रवांल्टा के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।

अनुरूपा नानई, मोरी (उत्तरकाशी) निवासी है।अपने पिता बचन सिंह नेगी एवं साहित्यकार महावीर रवांल्टा को अपना पथप्रदर्शक मानती है। इस अवसर पर शिक्षक/साहित्यकार ध्यान सिंह रावत ‘ध्यानी’, दिनेश रावत, पांचजन्य के आर्ट डायरेक्टर शशि मोहन रवांल्टा, प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’, राजकीय इंटर कालेज मोरी के प्रधानाचार्य प्रवीण तिवारी, मोरी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर के वर्मा, मक्खन सिंह नेगी, महाविद्यालय मोरी से डाॅ आशाराम बिजल्वाण, वैपारी लाल भुराटा, रणवीर सिंह रावत, रणदीप रावत, पी. एल. सेमवाल, दिनेश चौहान, नवीन नेगी, नरेश मेहता, विजय नेगी, कुलवंती रावत, ललिता पोखरियाल रावत, धर्मेन्द्र डंगवाल, धीरेन्द्र चौहान, अरूणोदय नेगी, सुलोचना, ममराज रावत, यशवंत रावत, ज्ञानी रावत, जर्मन रावत, विष्णु चरण सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह रावत, नर्वदा चौहान, रंजना (रंजू) रावत, सतरूपा रावत सहित अनकों गुरूजन, गणमान्य लोग उपस्थित थे।

पुस्तक समीक्षा ध्यान सिंह रावत ‘ध्यानी’ ने और संचालन दिनेश रावत ने किया।…..

रवांल्टी एक ऐसी भाषा है जिसमें कई भाषाएं सम्माहित है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बोली, भाषा के प्रति समर्पण होना आवश्यक है, अपनी भाषा के प्रति यह लगाव हीं है कि समृद्ध होती रवांल्टी भाषा में लिखी गई अब तक की यह छठी पुस्तक (कविता संग्रह) है। महावीर रवांल्टा प्रख्यात साहित्यकार उत्तराखण्ड

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