
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
उत्तरकाशी। एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री पर रोकथाम लगाने के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठक में जिले में अभियान चलाकर एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करने और जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में गठित समिति की बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने कहा कि एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री पर रोकथाम लगाने के लिए खाद्य संरक्षा इकाई के अभिहित अधिकारी और औषधि निरीक्षक सहित अन्य संबंधित विभाग अपने-अपने स्तर से प्रभावी कार्रवाई करने के साथ ही समय-समय पर छापे डालकर चैकिंग करते रहें। बैठक में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नई टिहरी के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण तलब कर वरिष्ठ औषधि निरीक्षक के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाने के काम में हीलाहवाली बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नगर निकायों सहित अन्य विभागों को स्वच्छता अभियान निरंतर संचालित करने के निर्देश देते हुए इसके लिए पाक्षिक कार्ययोजना तैयार करने की हिदायत दी। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकारण की सचिव श्वेता राणा चौहान ने एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री एवं ड्रग्स सेवन पर रोक लगाने के लिए सभी संगठनों से सम्मिलित प्रयास करने की अपील करते हुए इसके लिए जन-जागरूकता शिविर लगाए जाने के साथ ही जिले में पुनर्वास केन्द्र की व्यवस्था किए जाने की जरूरत भी बताई। अभिहित अधिकारी खाद्य संरक्षा अश्वनी सिंह ने बैठक में बताया कि एक्सपायरी वस्तुओं की जांच के लिए जिले में जुलाई माह में 15 दुकानों का निरीक्षण किया गया था, जिनमें से एक मामले में वनस्पति घी एक्सपायरी पाया गया जिसे मौके पर ही नष्ट किया गया। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नं. 1800-180-4246 पर एक्सपायरी वस्तुओं की बिक्री के मामलों की शिकायत की जा सकती है।बैठक में जिले में कूड़ा बीनने वालों के भैतिक सर्वेक्षण के बारे में भी विचार-विमर्श हुआ। इस मौके पर नगर पालिका बाड़ाहाट के अधिशासी अधिकारी शिवकुमार सिंह चौहान ने बताया कि नगर में किए गए सर्वेक्षण में कूड़ा बीनने वाले व्यक्तियों की संख्या शून्य है।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी बी.पी. बलूनी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विनोद कुमार कुकरेती, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. रमेश चन्द्र, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा सहित विभिन्न विभागों एवं नगर निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।