उत्तरकाशीउत्तराखंडकार्य योजनासारा

सारा की जिला कार्यकारी समिति की बैठक, जिलाधिकारी ने विभागों को दो दिन के अंदर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के दिए निर्देश 

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

UTTARKASHI: जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में स्प्रिंग एंड रीवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी (सारा) के तहत चिन्हित जल स्रोतों एवं सहायक नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण के लिए विभागों को दो दिनों के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा है कि योजना के लिए जल स्रोतों एवं सहायक नदियों के चिन्हीकरण का पुनः परीक्षण कर पानी की कमी वाले क्षेत्रों में योजना संचालित करने को प्राथमिकता दी जाय।

स्प्रिंग एंड रीवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी (सारा) की जिला कार्यकारी समिति की जिला मुख्यालय पर आयोजित बैठक में जिले में चिन्हित 60 जल स्रोतों एवं 20 सहायक नदियों में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के उपायों को लेकर विभागों की कार्य योजना के बारे में विचार-विमर्श किया गया। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जल स्रोतों व सहायक नदियों के संरक्षण व संवर्द्धन हेतु किए जाने वाले कार्यों हेतु पचास प्रतिशत धनराशि का आवंटन ‘सारा‘ की मद से किया जाएगा शेष पचास प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था विभागों को अपने स्तर से करनी होगी। लिहाजा इसके लिए सक्षम विभागों के स्तर से ही योजना का क्रियान्वयन कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने योजना हेतु सही स्थल का चयन करने और उच्च गुणवत्ता के व उत्कृष्ट परिणाम देने वाले कार्यों को ही शामिल किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सहायक नदियों में जल संग्रहण के लिए सीमेंटेड चैक डैम एवं जलाशय जैसी उपयुक्त व स्तरीय संरचनाओं का निर्माण प्रस्तावित किया जाय। इसके लिए विभागों को सिचांई विभाग के स्तर से तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि ‘सारा‘ के तहत जिले में चिन्हित जल स्रोतों एवं सहायक नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण हेतु विभिन्न उपचारात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिसके तहत खंतियों, चाल-खाल, चैकडैम, रिचार्ज पिट आदि जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के साथ ही वानस्पतिक उपचार, चारा घास रोपण, वृक्षारोपण कार्य किए जाएंगे। चिन्हित जल स्रोतों व सहायक नदियों के उपचार के लिए एक करोड़ रूपये से कम लागत की योजनाओं हेतु ‘सारा‘ की मद से इस वर्ष दो करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी और एक करोड़ रूपये से अधिक लागत की योजनाओं के लिए जिले को अधिकतम पॉंच सालों के लिए सात करोड़ पचास लाख रूपये ‘सारा‘ मद से मिलेंगे। योजना के कार्यान्वयन हेतु संबंधित विभागों को भी इतनी ही धनराशि का योगदान करना होगा।

बैठक में तय किया गया कि ‘सारा‘ के तहत एक करोड़ से कम लागत की जल स्रोतों की संरक्षण की योजनाओं का कार्यान्वयन वन विभाग के स्तर से किया जाएगा। जबकि एक करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं का कार्यान्वयन वन विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग के द्वारा तीन सालों की अवधि में किया जाएगा। ग्राम्य विकास विभाग के द्वारा इस योजना में अपना अंशदान मनरेगा के माध्यम से दिया जाएगा।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना रविन्द्र पुंडीर, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, जिला विकास अधिकारी रमेश चन्द्र, उप निदेशक जलागम सिद्धार्थ श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस.चौहान, उप प्रभागीय वनाधिकारी मयंक गर्ग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button