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सोलर पावर इकाइयों के द्वारा उत्पादित बिजली के ट्रांसमिशन के मामलेे को शासन के सम्मुख उठाया जाएगा : डीएम अभिषेक रूहेला 

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

उत्तरकाशी, 21 अक्टूबर। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने कहा है कि सोलर पावर इकाइयों के द्वारा उत्पादित बिजली के ट्रांसमिशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करने की आवश्यकता का आकलन कर इस मामलेे को शासन के सम्मुख उठाया जाएगा। जिलाधिकारी ने इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी एवं यूपीसीएल के अधिशासी अभियंता को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

जिला उद्योग मित्र समिति की जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में ब्याज उपादान के दावों पर चर्चा के दौरान यह तथ्य प्रकाश में लाया गया कि कुछ क्षेत्रों में निजी उद्यमियों द्वारा स्थापित सोलर पावर प्लांट के द्वारा पैदा होने वाली बिजली के पारेषण के लिए यूपीसीएल के पास उपलब्ध मौजूदा अवस्थापनाओं को अपग्रेड किया जाना जरूरी है। धनारी क्षेत्र के उद्यमी पंकज रावत ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में पारेषण की सुविधा का विस्तारण कर उद्यमियों को ट्रांसमिशन फिजीबिलिटी रिपोर्ट निर्गत की जाय।

जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने इस मामले को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा किमुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार और सूपीसीएल के अधिशासी अभियंता मनोज गुसांई इस तरह के प्रकरणों की पड़ताल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जिसके आधार पर इस मामले के समाधान और आवश्यकतानुसार ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडेशन के लिए शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।

बैठक में जिलाधिकारी ने उद्योग विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिला लीड बैंक प्रबंधक को इन योजनाओं में ऋण वितरण की कार्यवाही तेजी से निस्तारित करानेे के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग की वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत वाणिज्यिक वाहनों के लिए प्राप्त सरप्लस आवेदनों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्त पोषित कराने के निर्देश दिए तथा संगल विंडो पोर्टल की भी समीक्षा की।

बैठक में बताया गया कि उद्योग विभाग के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कृषि कार्य के अतिरिक्त विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम रु 25 लाख तथा सेवा व व्यवसाय क्षेत्र जिसमें वाहन ऋण भी सम्मिलित है, के लिए अधिकतम रु. 10 लाख तक की परियोजनाओं के बैंक के माध्यम से वित्त पोषण किया जाता है। जिसमें बैंक ऋण 90 से 95 प्रतिशत तथा लाभार्थी का अंशदान 10 से 05 प्रतिशत होता है। इस योजना में कुल परियोजना लागत का 25 फीसदी अनुदान दिया जाता है।

बैठक का संचालन करते हुए जीएम डीआईसी शैली डबराल ने ब्याज एवं विद्युत उपादान के दावों सहित अन्य प्रकरणों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति द्वारा एम.एस.एम. ई. नीति 2015 के अन्तर्गत प्राप्त 06 इकाइयों के नियमित ब्याज उपादान दावों, 07 इकाइयों के प्रथम उपादान दावों तथा 01 विद्युत प्रतिपूर्ति दावे का विचारोपरांत निस्तारण किया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने भी उद्यमियों से जनपद में औद्योगिक विकास पर चर्चा करते हुए उद्यम स्थापना में आ रही समस्याओं के समस्त सम्भव निराकरण का आश्वासन दिया।

बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डी.पी. बलूनी, कोषाधिकारी बीपी जगूड़ी, एक्सईन यसूपीसीएल मनोज गुसाईं, एक्सईएन लोनिवि एन.के. अग्रवाल, अधिशासी प्रबंधक उद्योग दीपेश चौधरी, परियोजना अधिकारी उरेडा शिव सिंह मेहरा के साथ ही अन्य विभागों के कार्मिक तथा उद्यमी अशोक सेमवाल, अतर सिंह राणा, संदीप रतूड़ी, बालम सिंह, दीपक पंवार आदि ने भाग लिया।

 

 

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