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बंगाण क्षेत्र झेल रहा है आपदा का दंश,ग्रामीण कर रहे हैं वैकल्पिक मोटर मार्ग निर्माण और सेब की क्षति का मुआवजा देने की मांग

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

Purola : मोरी ब्लाक के बंगाण क्षेत्र के ग्रामीणों ने कोठीगाड क्षेत्र को जोड़ने हेतु वैकल्पिक मोटर मार्ग का निर्माण करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। उन्होंने कहा कि आराकोट चीवा मोटर मार्ग पर करोड़ो रूपये खर्च करने के बावजूद यहां भूस्खलन एवं धंसाव होने से आए दिन मोटर मार्ग अवरूद्ध हो जाता है जिससे ग्रामीणों को गत चार वर्ष से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्त्ता मनमोहन चौहान ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि आराकोट बंगाण क्षेत्र में अगस्त 2019 को आई विनाशकारी आपदा से क्षेत्र में भारी तबाही मची थी। क्षेत्र का मुख्य मोटर मार्ग आराकोट चीवा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। शासन,प्रशासन द्वारा इस मोटर मार्ग के सुधारीकरण के नाम पर गत चार वर्षों से करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे है लेकिन स्थिति जस की तस है।

उन्होंने बताया कि इस मोटर मार्ग पर पैसा बर्बाद करना बेकार है क्योकि यह मोटर मार्ग कई स्थानों पर नासूर बन गया है हल्की बारिश होने पर यहां भूस्खलन का सिलसिला शुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय जनता यहां वैकल्पिक मोटर मार्ग का निर्माण करने की मांग कर रही है लेकिन शासन, प्रशासन के नुमाइंदे कोई भी उनकी बातो पर ध्यान नही दे रहे है।

इस वर्ष नही है सेब की फसल

सेब उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बंगाण क्षेत्र में इस समय सेब की अच्छी फसल नही है। बंगाण क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष करीब 9 लाख पेटी सेब का उत्पादन किया जाता है लेकिन इस बार भारी बारिश एवं अतिवृृष्टि के कारण यहां सेब का उत्पादन मात्र 20 फीसदी ही है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि क्षेत्रवासियों की आजीविका का मुख्य साधन सेब ही है लेकिन गत दिनों क्षेत्र में बादल फटने एवं भारी अतिवृष्टि से सेब की फसल तहस-नहस हो गई है

अधिकांश सेब बाग भूस्खलन की चपेट में आने से यहां सेब के पेड़ ही जड़ से उखड़ गए है जिससे बाग्वानों को जीवन यापन करने में अनेकों समस्या पैदा हो गई है। बाग्वानों ने मुख्यमंत्री से प्रत्येक गांव में हुई क्षति का आंकलन कर मुआवज़ा देने तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बाग्वानों की मदद करने की मांग की है।

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