गोविन्द वन्य जीव विहार क्षेत्र के ग्रामीणों एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने तहसील में किया जुलूस प्रदर्शन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुरोला,Uttarkashi.गोविन्द वन्य जीव विहार के सांकरी क्षेत्र के ग्रामीणों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को रवांई जन एकता मंच के बैनर तले यहां पांच सूत्रीय मांग को लेकर जुलूस प्रदर्शन कर तहसील में पार्क प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने मांग पूरी न होने पर 16 जनवरी से पुरोला तहसील कार्यालय में धरना-प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी है। केदारकांठा आदि पर्यटक स्थलों के बेस कैम्प सांकरी में आज व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
रवांई जन एकता मंच के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सांकरी क्षेत्र के ग्रामीण एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग गाजे बाजे के साथ शुक्रवार को पुरोला पहुंचे। ग्रामीणों ने यहां नगर में जुलूस प्रदर्शन कर पांच सूत्रीय मांग केदारकांठा, हरकीदून, फुलारा, देवक्यारा, भराड़सर, झड़ी टॉप, रुपीन सुपीन आदि पर्यटक स्थलों में पर्यटको की संख्या को सीमित करने का मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड का दिनांक 10 मई 2016 के आदेश को निरस्त करने, पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले बेरोजगारों एवं टूर ऑपरेटरों के पंजीकरण करने हेतु सिंगल विंडो सिस्टम को लागू करने, गोविन्द वन्य जीव विहार पुरोला कार्यालय में तैनात उपनिदेशक अभिलाषा सिंह को शीघ्र हटाने, गोविन्द वन्य जीव विहार में निवासरत 42 गांव के हक हकुकों को बहाल कर पूर्व की भांति यथावत रखने, गोविन्द वन्य जीव विहार प्रशासन द्वारा जिन टूर ऑपरेटरों के अनावश्यक चालान किए गए हैं उन्हे निरस्त करने की मांग को लेकर नगर में जुलूस प्रदर्शन कर तहसील में पार्क प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर एक जनसभा का आयोजन भी किया गया।
सभा को रवांई जन एकता मंच के संयोजक चंद्रमणि रावत, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पीएल हिमानी, भगत सिंह रावत, मोहन लाल बुराटा, राजपाल रावत आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि गोविन्द वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क में पर्यटन एंव पर्वतारोहण में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को रोका जा रहा है। गोविन्द वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क के सभी पर्यटक स्थलों में जाने वाले पर्यटकों की संख्या 150 तक सिमित कर दी गई है। इससे देश विदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आ गई है, जिससे स्थानीय बेरोजगारों के सामने रोजी रोटी एवं भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के लोगों का पलायन लगभग शून्य प्रतिशत है। यहां पर लोग पर्यटन क्षेत्र में कार्य कर अपनी रोजी रोटी का गुजारा कर रहे हैं लेकिन गोविंद वन्य जीव विहार और राष्टीय पार्क के अधिकारियों को ये रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे जंगल, जमीन पर जबरदस्ती पार्क क्षेत्र थोप कर जनविरोधी कानून लागू कर यहां के लोगों को स्वरोजगार से वंचित किया जा रहा है।