उत्तरकाशीउत्तराखंडएड्सशिक्षासामाजिक

‘‘विश्व एड्स दिवस’’ के अवसर पर जिलेभर में गोष्ठी एवं छात्र, छात्राओं द्वारा रैली का आयोजन कर लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया गया

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

पुरोला/उत्तरकाशी 01 दिसम्बर। ‘‘विश्व एड्स दिवस’’ के अवसर पर जिलेभर में गोष्ठी एवं छात्र, छात्राओं द्वारा रैली का आयोजन कर एड्स/एच0आई0वी0 के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।

कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण उत्तरकाशी श्वेता राणा चौहान की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी मे सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण उत्तरकाशी श्वेता राणा चौहान द्वारा गोष्ठी में उपस्थित छात्र/छात्राओं एवं अन्य को एड्स/एच0आई0वी0 के प्रति जागरूक किया गया तथा अपील की गई कि सभी उपस्थित प्रतिभागी अपने-अपने स्तर से आम जनमानस को एड्स/एच0आई0वी0 के प्रति जागरूक करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा विश्व एड्स दिवस की इस वर्ष की थीम “Let Communities Lead” के बारे में सभी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया एवं एड्स/एच0आई0वी0 के लक्षण एवं बचाव के सम्बन्ध मेें विस्तृत जानकारी दी गयी तथा अपील की गई कि एच0आई0वी0/एड्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ समाज में मानवता पूर्ण व्यवहार करें। इस अवसर पर नगर में जन जागरण रैली का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिाकारी डा0 आर0सी0एस0 पंवार द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली बाजार के मुख्य मार्गों से होते हुए कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिसर में सम्पन्न हुई। रैली में राजकीय पॉलिटेक्निक, उत्तरकाशी के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वी0एस0 पांगती एवं जिला क्षयरोग अधिकारी डा0 कुलबीर राणा द्वारा भी विचार व्यक्त किए।

पुरोला। इधर राजकीय अटल आदर्श इंटर कालेज गुन्दियाट गांव में एड्स दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना का एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना लक्ष्य गीत “उठे समाज के लिए उठे- उठे, जगे-जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे-जगे” से किया गया।

एड्स दिवस की जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष एड्स दिवस की थीम लेट कामिनीटिज लीड(Let Communities Lead) एड्स एक जानलेवा बीमारी है। यह बीमारी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) से होतीहै, यह वायरस हमारी इम्यूनिटी पर अटैक करता है ।जिससे हमें इंफेक्शन और बीमारियां की अधिक संभावना हो जाती है। भारत में नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन(NADO) के अनुसार लगभग 2.5 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, जिनमें 10 लाख महिलाएं हैं। इसलिए इस बीमारी के बारे में सटीक जानकारी होनी जरूरी है। एड्स के प्रारंभिक लक्षण एक माह से लगातार बुखार आना,लगातार दस्त होना, शरीर का वजन एक का एक काम होना, भूख न लगना, मुंह में लगातार घाव या छाले होना, थकान महसूस होना, लसिका ग्रंथियों का एक से अधिक स्थान पर आकार में बढ़ाना । एड्स ग्रसित प्रथम व्यक्ति गैटन दुगास था। यह एक कैनेडियन फ्लाइट अटेंड थे। माना जाता है कि उसने अमेरिका के कई लोगों को संक्रमित करने के लिए जानबूझकर संबंध बनाए थे। यह बीमारी 19वीं शताब्दी में अफ्रीका के बंदरों से मानव में आई, क्योंकि अफ्रीका के लोग एक विशेष प्रकार की प्रजाति के बंदरों का मांस खाते थे। सुरक्षा ही बचाव है, जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नहीं रखें। यौन संपर्क के समय निरोध कंडोम का प्रयोग करें। मादक औषधीयो के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज या हुई का प्रयोग ना करें। एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण करें क्योंकि उनसे पैदा होने वाला शिशु को यह रोग लगा सकता है। तत्पश्चात एड्स जन जागरूकता के लिए स्वयंसेवियों द्वारा जन जागरूकता रैली निकाली रैली गुन्दियाट गांव गांव से होते हुए गुन्दियाट गांव मुख्य बाजार से होते हुए विद्यालय परिसर में समाप्त हुई। इसके बाद सभी स्वयंसेवियों द्वारा श्रमदान कार्यक्रम किया गया। श्रमदान में विद्यालय परिसर, सुमन वाटिका एवं विद्यालय के पास मुख्य सड़क की सफाई की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button