उतरकाशी मत्स्य पालन विभाग में भारी गड़बड़झाला, सीएम से शिकायत

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुरोला UTTARKASHI, मत्स्य पालन विभाग द्वारा पर्वतीय तालाब आदर्श योजना एवं अनुसूचित जाति तालाब योजना में भारी धांधली की जा रही है। योजनाओं के तहत स्वयं की निजी भूमि पर तालाब निर्माण के लिए किसानों से प्रस्ताव प्राप्त कर प्रति वर्ग मीटर क्रमशः 50व 60हजार रुपए अनुदान देने का प्राविधान है लेकिन यहां कास्तकारों को आधा, अधूरा पैसा ही अनुदान दिया जा रहा है बाकी कर्मचारी, अधिकारी डकार रहे हैं, इतना ही नही यहां अधिकांश जगह तालाब भी नही बनाएं गए और ना ही कहीं मत्स्य पालन किया जा रहा है। कुछ कास्तकारों ने सीएम पोर्टल में इसकी शिकायत दर्ज की है।
मत्स्य पालन विभाग द्वारा उत्तरकाशी जनपद में संचालित प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को कुछ अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। मत्स्य पालन विभाग द्वारा पर्वतीय तालाब आदर्श योजना एवं अनुसूचित जाति तालाब योजना में अनुदान के नाम पर भारी गोलमाल किया जा रहा है।
केश न0-1: गुंदियाट गांव निवासी आशीष ने वर्ष 2020,21में मत्स्य पालन हेतु अपने गांव में एक तालाब का निर्माण किया था। निर्माण करते समय मत्स्य निरीक्षक ने आशीष से एक खाली चेक लिया कि इसमें बाद में 11हजार रूपए भरकर इसका मछली का बीज और दाना उपलब्ध कराया जाएगा। आशीष के अनुसार मत्स्य पालन विभाग द्वारा इस तालाब की अनुदान राशि 72हजार रूपए डीबीटी के माध्यम से उसके खाते में जमा कर दी गई और 11हजार की जगह 51हजार रूपए चेक के माध्यम से निकाल दिए गए।
केश न0-2 गुंदियाट गांव के ही पूरण चंद ने वर्ष 2019 में अपने गांव में बतख बाड़ा का निर्माण किया था जिसमें विभाग द्वारा डीबीटी के माध्यम से उसके खाते में 80 हजार रूपए अनुदान के जमा कर दिए गए। पूरण चंद ने बताया कि मत्स्य निरीक्षक ने बतख चूजा एवं दाने हेतु उससे 10हजार रूपए नगद व 20हजार रूपए अपने खाते में जमा कराए लेकिन उन्हे अभी तक चूजे उपलब्ध नही कराए गए। पूरण चंद गत चार वर्ष से इस लड़ाई को लड़ रहा है लेकिन कोई भी उसकी फरियाद सुनने को तैयार नही है। यहां ऐसे दर्जनों मामले और भी हैं।
निर्माण एवं निवेश की पूरी धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में जमा कर दी जाती है। खरीददारी लाभार्थी कहीं से भी कर सकता है। विभाग का इससे कोई लेना देना नही है। अगर कोई ऐसा मामला है तो उन्हें मेरे पास भेज दीजिए। यूपी सिंह सहायक निदेशक मत्स्य पालन विभाग उत्तरकाशी।