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यमुनोत्री को जनपद बनाने की मांग को लेकर मुख्यमन्त्री को ज्ञापन, मांग पूरी न करने पर आंदोलन की चेतावनी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

बड़कोट,UTTARKASHI,यमुनोत्री को पृथक जनपद बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। बृहस्पतिवार को यहां यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूर्व में घोषित चार जनपदों को शीघ्र अस्तित्व में लाने की मांग की है। उन्होंने मांग पूरी न होने पर व्यापक आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

विकट भौगोलिक परिस्थिति वाले यमुना घाटी के लोग विगत कई वर्षों से पृथक जनपद की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट चार नए जिलों की घोषणा की थी लेकिन इसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। मुख्यमन्त्री की यह घोषणा अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। बृहस्पतिवार को यमुनोत्री जनपद की मांग को लेकर यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समिति ने तहसीलदार बड़कोट के माध्यम से मुख्यमन्त्री को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने पूर्व में घोषित चार जिलों का शीघ्र गठन करने की मांग की है। इस अवसर पर अब्बल चंद कुमाई, भरत सिंह चौहान, महाबीर पंवार माही, गणपति नौटियाल, महिपाल असवाल, हरदेव रावत, अमित असवाल, मनोज चौहान, रोहन चौहान, भरत रावत, भगवती बिजल्वाण, चैन सिंह रावत, प्रताप तोमर, संतोष चौहान, किताब रावत, जयेंद्र सिंह राणा, अमित रावत, सरजीत लाल आदि लोग मौजूद थे।

धामी सरकार को भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की 4 जिलों की घोषणा को जनहित में धरातल पर उतारना चाहिए और यदि धामी सरकार जिलों के निर्माण में तत्काल कोई कार्यवाही नहीं करती है तो क्षेत्र के युवाओं को एकजुट करके अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और आंदोलन शुरू किया जाएगा। महाबीर पंवार “माही” सदस्य यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समिति बड़कोट।

 

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