केदारनाथ घाटी : रेस्क्यू कार्यों में सेना ने बढ़ाया मदद का हाथ, कई लोगों के रास्ता भटकने की संभावना
सोनप्रयाग गौरी कुंड के बीच वाश आउट एरिया में पैदल पुल बनाने का कार्य शुरू

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
RUDRAPRAYAAG: केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशंस में मदद करेगी।
प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है।जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे मौके पर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं
केदारनाथ से लिनचोली के लिए रवाना किए करीब 373 यात्री,चौमासी ट्रैक पर रवाना 110 यात्री सुरक्षित पहुंचे चौमासी
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को लगातार प्रयास किया जा रहा है। सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है। लिनचोली से एयर लिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयर लिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उधर रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है। ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ अब सर्च अभियान सेना की मदद से शुरू किया जा रहा है। सेना ने दो स्निफर डॉग यात्रा मार्ग के लिए रवाना कर दिए हैं। डॉग यूनिट मौके पर पहुंच गई है। हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हें लिनचोली उतारा जा चुका है। जहां से पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया जाएगा। बता दें कि कई लोग बारिश के डर से अपनी जान बचाने के लिए जंगलों की तरफ बढ़े हैं। वहीं कई लोगों के रास्ता भटकने की संभावना भी जताई जा रही है, उन्हें भी सर्च किया जाएगा।