
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुरोला,Uttarkashi.समाजसेवी विनोद डोभाल “कुतरू भाई” ने कहा है कि मेले हमारी पौराणिक संस्कृति के धरोहर है आज हमारी संस्कृति मेलों के द्वारा ही पहचानी जाती है। मेलों के माध्यम से ही रवांई की जीवंत संस्कृति देश और दुनिया को भी देखने को मिलती है।
सर बडियार क्षेत्र के आराध्य देव कालिया नाग महाराज के प्रसिद्ध पौष माह के “कठऊ मेले” में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए समाजसेवी विनोद डोभाल ने कहा कि मेले हमारी पौराणिक संस्कृति को प्रचारित एवं प्रसारित करने का एक अच्छा मंच भी है। इस धरोहर को, रवांई की पौराणिक संस्कृति को संजोए रखने की जिम्मेदारी प्रत्येक वर्ग की है, आज के पश्चिमी कल्चर के समय में इन्हें संरक्षित रखने हेतु हम सबको आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि रवांई की युगों से संजोयी धरोहर, सभ्यता, विरासत एवं खान पान, वेशभूषा, आभूषण तथा आतिथ्य सत्कार को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है, इसके लिए मेलों के दिव्य एवं भव्य आयोजन हेतु सरकार को भी प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्र के इस प्रकार के मेलों के आयोजन के अवसर पर सरकारी विभागों के स्टॉल भी लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कलिया नाग महाराज के मंदिर में इक्यावन हजार रूपए की धपराशि भी भेंट की।
सर बडियार क्षेत्र के आठ गांव सर, पौंटी, लेवटाड़ी, छानिका, डिंगाड़ी, किमडार, कसलों, गौल गांव के दोनों थोकों का प्रसिद्ध कठऊ मेला इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया गया। मेलें में दोनों थोक के लोग एक दूसरे को रोट, चौलाई खिलाकर अपने गिले शिकवे दूर करते हैं। मेले में पहुंचे मुख्य अतिथि सहित सभी गणमान्य लोगों का मंदिर समिति सहित ग्रामीणों ने ढोल, नगाड़ों और फूल मालाओं से स्वागत किया। मेले में ग्रामीणों ने खूब रासों, तांदी नृत्य भी किया।
मेले में मंदिर समिति के अध्यक्ष जगतनाथ सिंह रावत, पंडित गीता राम गैरोला, डीपीसी मेम्बर पवन पंवार, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी, सेवानिवृत प्रधानाचार्य भाजपा नेता जयवीर रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मवीर जयाड़ा, अजपाल सिंह, प्रताप पंवार, कैलाश रावत आदि मौजूद थे।