आपदा प्रबन्धनउत्तरकाशीउत्तराखंडप्राकृतिक आपदाभेड़ पालनसेब बागवानी

बंगाण क्षेत्र में अतिवृृष्टि से बागवानी तबाह, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, 32 भेड़, बकरियों की भी मौत

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

मोरी Uttarkashi, ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र में भारी अतिवृष्टि व तेज आंधी तूफान से सेब की फसल तबाह हुई है। अतिवृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों ने क्षतिग्रस्त फसल का मौका मुआयना कर मुआवजा देने की मांग की है। यहां तेज आंधी तूफान से पेड़ गिरने के कारण करीब 32 भेड़, बकरियों की मौत भी हो गई।

बुधवार रात्रि को बंगाण क्षेत्र में भारी अतिवृष्टि होने से सेब, नाशपति, पुलम, चुलू आदि फसल तबाह होने से कास्तकारों के सामने आजीविका संकट पैदा हो गया है। भारी अतिवृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बागवानों को उम्मीद थी कि इस बार उनकी फसल की बंपर पैदावार होगी लेकिन बुधवार रात्रि को इलाके में हुई भारी अतिवृष्टि ने बागवानों की आस पर पानी फेर कर रख दिया। अतिवृष्टि ने सेब की फसल को तहस नहस करके रख दिया।

इस आपदा में ग्राम कलीच के कास्टा रेंज की विष्याली तोक में भेड़ बकरी के डेरे में पेड़ गिरने से 03 भेड़ पालक सन्तोष, राजकिशोर, व्यापारी के घायल होने एवं 19 भेड़/13 बकरियां कुल 32 भेड़/बकरियों की मृत्यु हुई हैं। तथा कुछ भेड़/बकरियों की घायल होने की सूचना हैं। तहसीलदार, राजस्व उप निरीक्षक, स्वास्थ चिकित्सा, पशुचिकित्सा तथा वन विभाग की टीम द्वारा घटना स्थल पर जांच की जा रही हैं।

उतरकाशी, जिले में बीती रात हुई भारी बारिश के बाद आज स्थिति सामान्य बनी हुई है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को भारी बारिश के चेतावनी को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहकर किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने भूस्खलन व नदी-नालों के कटाव की संभावना वाले क्षेत्रों में स्थित भवनों पर रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को चौबीसों घंटे तैयार रहने को कहा है।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र में जाकर जिले के विभिन्न हिस्सों में गत रात्रि हुई भारी बारिश और सार्वजनिक एवं निजी परिसंपत्तियों के नुकसान के संबंध में सभी उप जिलाधिकारियों सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। इस मौके पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में भारी बारिश का दौर शुरू होने के कारण सभी संबंधित विभाग एवं अधिकारी निंरतर सतर्क व तत्पर रहकर किसी भी घटना की सूचना मिलते ही त्वरित रिस्पांस सुनिश्चित करें। उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन कार्यों का बेहतर ढंग से नेतृत्व प्रदान करने के निर्देश देते हुए कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में व्यक्तिगत राहत का तत्काल मौके पर ही वितरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि हर हाल में जनपदवासियों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली सार्वजनिक परिसंपत्तियों एवं सड़को सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की पुर्स्थापना का काम बिना किसी देरी के संपादित कराया जाय।

जिलाधिकारी ने भारी बारिश के कारण कुंसी, सिंगोट, नाकुरी गाड, बरसाली, धौंतरी, सिरी, भंसाडी,़ स्यालना, बौन, पंजियाला, जुगुल्डी, कलीच एवं बड़कोट आदि क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी लेते हुए इन क्षेत्रों के प्रभावित लोगों को तुरंत राहत राशि वितरित करने और क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलों व नहरों की मरम्मत तथा सुरक्षा को लेकर जरूरी हिदायतें दी। जिलाधिकारी ने इन क्षेत्रों के अलावा गंगोत्री-यमुनोत्री, जानकीचट्टी और गडवालगाड में पूर्व में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त विभागीय परिसंपत्तियां की बहाली एवं सुरक्षा कार्यों तथा प्रभावित लोगों को राहत वितरण के संबंध में उप जिलाधिकारियों एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों को दो दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। जिलाधिकारी ने यह भी हिदायत दी है कि क्षतिग्रस्त सार्वजिनक परिसंपत्तियों की मरम्मत व पुनर्निर्माण के लिए आगणन अविलंब प्रस्तुत किए जांय।

जिलाधिकारी ने भारी बारिश के चेतावनी जारी होने अथवा गाड-गदेरों में जल प्रवाह बढने तथा मार्ग अवरूद्ध होने पर सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार विद्यालयों में अवकाश घोषित किए जाने के संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को पूर्व में दिए गए आदेशों को पूरी तरह से अनुपालन भी सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा ने बताया कि मोरी क्षेत्र के कलीच गांव के जंगल में अतिवृष्टि के कारण पेड़ गिरने से लगभग तीन दर्जन भेड़, बकरियों की मृत्यु होने की सूचना मिली है। तहसीलदार मोरी एवं पशु चिकित्सक सहित राहत दल मौके पर गया है। इस घटना में दो भेड़पालकों एवं एक अन्य व्यक्ति को भी हल्की चोटें आने की सूचनी मिली थी और अब यह तीनों व्यक्ति सामान्य बताए गए हैं।

उप जिलाधिकारी डुंडा नवाजिश खलीक ने बताया कि बीती रात बौन गांव में में भारी बारिश से रास्तों में पानी आने की सूचना पर वह स्वयं एसडीआरएफ के साथ बीती रात मौके पर गए थे। बौन, नाकुरी, सिंगोट, धौंतरी आदि गांवों में अतिवृष्टि के कारण गदरों का जलस्तर बढ़ने व मलवा आने के कारण कृषि भूमि का कटाव हुआ है। इस क्षेत्र में एक पुल व पुलिया भी क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। धौंतरी क्षेत्र में भी नायब तहसीलदार रात्रि में मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि आज तहसीलदार डुंडा द्वारा बौन, पंजियाला, सिंगोट एवं धैंतरी क्षेत्र का भ्रमण कर नुकसान का जायजा लिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button