बाॅबी पंवार की रैली में उमड़ा जन सैलाब, बाॅबी ने कहा यह चुनाव आम जनता बनाम राजशाही का

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुरोला,Uttarkashi: टिहरी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी बाॅबी पंवार का मोरी, पुरोला, नौगांव में जोरदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत में यहां भारी जन सैलाब उमड़ा। बाॅबी पंवार ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव आम जनता बनाम राजशाही का है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने श्रीदेव सुमन की हत्या की एवं तिलाड़ी में नरसंहार किया, उस राजशाही को आज जवाब देने का समय आ गया है।
यहां एक जनसभा में पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्वर्गीय बरफिया लाल जुवांठा को नमन करते हुए टिहरी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी बाॅबी पंवार ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव आम जनता बनाम राजशाही का है। कांग्रेस और भाजपा ने बारी बारी से हमेशा इन्हें ही यहां से टिकट देकर लोकसभा में भेजने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह वहीं राजशाही है जिन्होंने श्रीदेव सुमन के विचारों की हत्या की। तिलाड़ी में अपने हक हकूकों की मांग कर रहे रवांई के सैकड़ों ग्रामीणों पर गोलिया चलाई एवं ऐसा नरसंहार किया जिसे जलियांवाला बाग हत्याकांड की संज्ञा दी गई है।
निर्दलीय प्रत्याशी बाॅबी पंवार ने कहा कि उन्होंने पांच सालों तक सड़कों पर संघर्ष कर युवाओं के रोजगार की लड़ाई लड़ी एवं नकल माफिया का पर्दाफ़ाश कर 100 भ्रष्टाचारियों को जेल में डालने का काम किया। बाॅबी पंवार ने कहा कि उनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नही है वे भी एक गरीब घर से वास्ता रखते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा उनके आंदोलन को तोड़ने के कई बार प्रयास किए गए, उनके साथआंदोलन कर रहे युवाओं के साथ मार पीट की गई, उनके हाथ पांव तोड़े गए एवं झूठे मुक़दमे कर उन्हे जेल में डालने का कार्य किया गया। बाॅबी पंवार ने कहा कि अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने हेतु सीबीआई जांच की मांग की गई लेकिन सीबीआई जांच नही कराई गई, अगर सीबीआई जांच होती तो आज कई भाजपा नेता जेल में होते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मजबूत भू-कानून एवं मूल निवास की लड़ाई भी जारी है लेकिन सरकार इसे लागू न कर सरकार द्वारा जारी यूसीसी बिल में स्पष्ट कहा गया है कि जो बाहरी व्यक्ति प्रदेश में निवास कर रहा है वह यहां का मूल निवासी माना जाएगा। बाॅबी पंवार ने कहा कि जिस परिकल्पना के लिए राज्य बनाया गया था कि यहां युवाओं को रोजगार मिलेगा एवं पलायन रूकेगा, वैसा आज कुछ भी देखने को नही मिल रहा है, यहां न पलायन रूका है और न बेरोजगार को रोजगार दिया गया बल्कि प्रदेश का युवा आज नशाखोरी के चुंगल में फंस गया है। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनाव, चुनाव नही है एक आंदोलन है और अब समय आ गया है कि किसी भी तरह उत्तराखंड के अस्तित्व व अस्मिता को बचाना होगा।