उत्तरकाशीउत्तराखंडसामाजिक

भूमि का प्रतिकर सहित 12 सूत्रीय मांग को लेकर नैटवाड़ गांव के ग्रामीणों ने शुरू किया धरना-प्रदर्शन,एसजेवीएन के खिलाफ की नारेबाजी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

पुरोला। सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना के बैराज स्थल के पास निगम द्वारा नैटवाड़ गांव के कास्तकारों की कई हेक्टेयर भूमि बिना कास्तकारों की अनुमति के काट दी गई है जिसको लेकर कास्तकारों में भारी आक्रोश व्याप्त है। कास्तकारों ने इस भूमि का प्रतिकर देने की मांग सहित 12 सूत्रीय अन्य मांगों को लेकर शनिवार को धरना-प्रदर्शन कर सतलुज जल विद्युत निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।

सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा मोरी में 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। जेपी कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा यहां निर्माण कार्य किया जा रहा है। परियोजना का कार्य अंतिम चरण में है। नैटवाड़ गांव के लोगों ने निगम द्वारा बैराज स्थल पर बिना उनकी अनुमति के कई हेक्टेयर भूमि काट कर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।

ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत की थी। राजस्व विभाग द्वारा इसकी जांच करने पर राजस्व उप निरीक्षक गुराड़ी ने अपनी जांच रिपोर्ट में ग्रामीणों की 0•546 हेक्टेयर (करीब 27नाली) भूमि पर निर्माण कार्य करने की पुष्टि की है। जून 2023 से ग्रामीण बैराज स्थल में निर्माण कार्य रोकने एवं भूमि का प्रतिकर सहित 12 सूत्रीय मांग को पूरा करने की मांग कर रहे है लेकिन कोई भी उनकी फरियाद नही सुन रहा है जिससे नैटवाड़ गांव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को ग्रामीणों ने यहां बैठक कर शनिवार से यहां धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शनिवार को ग्रामीणों ने सतलुज जल विद्युत निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। धरना-प्रदर्शन में सुनील रावत, राजेश रावत, सुनील रांगड़, दर्शन सिंह रावत, राजेन्द्र रांगड़, अतर सिंह रावत आदि बैठे है।

20मई 2019 को नैटवाड़ गांव के ग्रामीणों द्वारा सतलुज जल विद्युत निगम को प्रस्तुत मांग पत्र के आधार पर निगम ने एक सहमति पत्र भी दिया था जिसमें गांव के प्रत्येक परिवार को रोजगार देने, ब्लास्टिंग से जो मकान क्षतिग्रस्त हुए है उनका मुआवजा देने, नैटवाड़ गांव को आजीवन निशुल्क बिजली देने, रूपीन, सुपीन नदियों के किनारे सुरक्षात्मक कार्य करने, नैटवाड़ गांव में अंग्रेजी माध्यम का स्कूल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने आदि मांग शामिल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button