
पत्रिका ब्यूरो
पुरोला। वन निगम द्वारा आवंटित लाॅटो की आड़ में मोरी ब्लाक में भारी मात्रा में देवदार एवं कैल के हरे पेड़ो के अवैध कटान के मामले में पूर्व में की गई जांच पर सवालिया निशान लग रहे है क्योकि इस मामले में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल ने फिर जांच के आदेश किए है। दो डीएफओ क्षेत्र में जांच करने में जुटे हुए है। अब इस मामले में कुछ बड़े अधिकारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है हालांकि टौंस वन प्रभाग के डीएफओ सुबोध कुमार काला ने इस मामले में दो कर्मचारियों को निलंबित कर कोठीगाड रेंज के रेंज अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने सभी लाॅटो में कार्य बंद करने के निर्देश भी दिए है।
मोरी ब्लाक के टौंस वन प्रभाग के सांद्रा, देवता व कोठीगाड रेंज में वन निगम के लाॅटो की आड़ में कुछ लोगों द्वारा गत वर्ष दिसम्बर माह में भारी मात्रा मे देवदार एवं कैल के हरे पेड़ों के अवैध कटान करने का मामला प्रकाश में आया था। मोरी ब्लाक के बंगाण क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की थी कि सांद्रा रेज के सरास बीट, देवता रेंज के बामसू व कोठीगाड रेंज के चीवा बीट में कुछ लोगों द्वारा वन निगम के लॉटो की आड़ में भारी मात्रा में देवदार , कैल के सैकड़ों हरे पेड़ काट दिए गए हैं। ग्रामीणों ने वन निगम के प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक पर वन निगम के लाॅटो के आवंटन करने पर भारी धांधली का आरोप लगाते हुए कहा था कि पूर्व में लाॅटो का आवंटन निविदाओं के माध्यम से किया जाता था लेकिन वन निगम के तत्कालीन डीएलएम ने इन लाॅटो का आंवटन टेंडर प्रक्रिया से न कर सीधे कुछ अपने चहेते लोगों को लाॅट आवंटित कर इसे विभागीय कार्य दिखाया गया है। ग्रामीणों द्वारा सीएम पोर्टल में शिकायत करने के बाद टौंस वन प्रभाग ने इस मामले में वन निगम व वन विभाग की एक जांच कमेटी गठित कर 37 वृक्षों के अवैध कटान की पुष्टि कर 8 लाख 91 हजार 600 रूपये का जुर्माना तय कर मामले की इतिश्री कर दी थी लेकिन बाद में तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत कुमार पटनायक ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने हेतु दो टीमें गठित की थी। एक टीम में मयंक गर्ग सहायक वन संरक्षक उत्तरकाशी वन प्रभाग, वन क्षेत्राधिकारी कैम्पटी मसूरी, प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वन प्रभाग व दूसरी टीम में सुधीर कुमार सहायक वन संरक्षक लैंसडौन वन प्रभाग, वन क्षेत्राधिकारी बड़कोट देहरादून वन प्रभाग एवं प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून वन प्रभाग को शामिल किया गया था। दोनों टीमों से मामले की जांच सहित गत तीन वर्षों में वन निगम को आवंटित लाॅटो की प्रजातिवार सूची एवं हक हकूक, पीडी का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए थे लेकिन इस जांच का क्या हुआ किसी को भी पता नही है? अब मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल ने पुनः इस मामले में जांच करने के निर्देश दिए है। जांच अधिकारी प्रभागीय वनाधिकरी उत्तरकाशी डीपी बलूनी व प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वैभव कुमार बंगाण क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। इस मामले में अब कुछ बड़े अधिकारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
मामले में एक फाॅरेस्ट गार्ड को सस्पेंड कर दिया गया है। फाॅरेस्टर के निलंबन हेतु कंजरवेटर को लिख दिया गया है रेंज अधिकारी कोठीगाड से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सभी लाॅटों में कार्य बंद करने के निर्देश दिए गए है।
सुबोध कुमार काला डीएफओ टौंस