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केदारनाथ यात्रा मार्ग से 4000 श्रद्धालु रेस्क्यू, पीएमओ ने भी बढ़ाया मदद का हाथ, रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 रवाना

3300 श्रद्धालु मैनुअल, 700 श्रद्धालुओं को हेली से किया रेस्क्यू, करीब 5000 फूड पैकेट्स वितरित

पत्रिका न्यूज नेटवर्क 

Rudraprayaag: केदारघाटी में बीती रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश से लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद होने के बाद जिला प्रशासन बिना देरी के राहत एवं बचाव कार्य में लग गया। एक ओर जहां अतिवृष्टि की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू करते हुए इन स्थानों में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया वहीं दूसरी ओर उन्हें आवश्यकता के अनुसार पानी की बोतल व फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए गए। देर शाम तक केदारनाथ यात्रा मार्ग से 4000 से अधिक श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया गया। जिसमें लगभग 700 श्रद्धालुओं का हेली के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। फंसे हुए श्रद्धालुओं को जीएमवीएन एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। मुख्यमंत्री, आपदा सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उधर पीएमओ कार्यालय से भी हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।

देर रात्रि हुई अतिवृष्टि के बाद आज प्रातः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से घटना की जानकारी ली। साथ ही जिलाधिकारी से हुई वार्ता में यात्रा मार्ग में फंसे हुए श्रद्धालुओं का प्राथमिकता के आधार पर रेस्क्यू करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने हेतु निर्देशित किया गया। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य करीब डेढ सौ मीटर रास्ते के बहने के बाद एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीमों के सहयोग से लगभग 4000 श्रद्धालुओं को निकाला गया। इसमें भीमबली और लिनचोली में बाधित हुए रास्ते के कारण पांच हैली सेवाओं के माध्यम से करीब 700 लोगों का रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया गया है कि कल से हवाई सेवा हेतु चिनूक एवं एमआई की सेवा उपलब्ध करा दी जाएंगी तथा यथाशीघ्र उनको रेस्क्यू कर लिया जाएगा। केदारनाथ धाम में 10-14 दिनों के लिए खानपान की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं मौके पर सर्वेक्षण किया। साथ ही उनके द्वारा रेस्क्यू कर रही टीमों की हौसला अफजाई की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से वार्ता कर उनसे फीडबैक लिया। मौके पर पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।

अत्याधिक बारिश  के चलते केदार घाटी के लिए जाने वाली 33 केवी की विद्युत सप्लाई बाधित होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर केदारनाथ धाम में 11 केवी लाइन की विद्युत सप्लाई के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है।वहीं गौरीकुंड, सोनप्रयाग व लिनचोली में विद्युत व्यवस्था सुचारू करने हेतु कार्य गतिमान है, जिसके लिए 55 लोगों द्वारा कार्य गतिमान है। यात्रा मार्ग में पेयजल व शौचालय की व्यवस्था दुरूस्त है।

इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ सहित जिला एवं तहसील प्रशासन के लगभग 500 कार्मिकों द्वारा अलग-अलग सेक्टर में कार्य किया जा रहा है। सभी सेक्टरों को अलग-अलग 7 सेक्टरों में बांटा गया है। तथा अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग टीमें गठित हैं जो उनसे संबंधित लोगों से लगातार संपर्क कर रही है। साथ ही किसी स्थिति में किसी के फंसे होने अथवा अन्य किसी भी तरह की सहायता हेतु टीमें मुस्तैद हैं।

वहीं केदारनाथ धाम के मोटर मार्गों को भी दुरूस्त कर लिया गया है। रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक को पूर्णतः यातायात हेतु सुचारू किया जा चुका है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड मार्ग पर भी कार्य शुरू किया जा चुका है। दिनभर में

लिनचोली, भीमबली सहित अन्य स्थानों पर खाद्य विभाग द्वारा लगभग 5 हजार फूड पैकेट का वितरण किया गया। इसके अलावा जीएमवीएन द्वारा वहां फंसे लोगों को लंच की भी व्यवस्था की गई। वहीं गौरीकुंड में भी खाद्य विभाग के द्वारा भोजन व्यव्स्था कारवाई गई। इसके अतिरिक्त सोनप्रयाग व गौरीकुंड में भी फूड पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह द्वारा भी लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराए गए।

चिनूक, एमआई सहित अन्य हवाई सेवाएं निर्बाध रूप से रेस्क्यू कर सकें इसके लिए तीन एटीएफ के टैंकर रुद्रप्रयाग के लिए रवाना हो गए हैं। जिसमें मोहाली से 11 किलोलीटर जबकि देहरादून एवं सहारनपुर 10-10 किलोलीटर के एटीएफ रुद्रप्रयाग पहुंचने जा रहे हैं।

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