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चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत बना पहला देश, देश मना रहा है चांद पर फतह का जश्न

जगमोहन सिंह पोखरियाल

पुरोला। भारत के लिए आज बेहद खुशी का दिन है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर लैंड कर चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह साबित कर दिया है कि भारत जो चाहे वह कर सकता है। चांद पर भी भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक कोई भी देश नहीं गया। इस लैंडिंग के साथ भारत अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जो चांद पर गए हैं।

इसरो ने भारत को एक अंतरिक्ष महाशक्ति तो बना दिया है, साथ ही देश के लिए अच्छा राजस्व भी पैदा कर रहा है। इसरो ने संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, इजराइल, बेल्जियम, जर्मनी और कजाकिस्तान समेत 34 देशों के 345 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जिससे भारत को लगभग 5.6 करोड़ डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ है।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर अपनी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए बहुत खुशी का दिन है उन्होंने कहा कि यह कोई आसान काम नहीं था। चंद्रयान 2 से हमे बहुत कुछ सीखने को मिला था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग हो गई है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश है। अब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा, बस एक टूर के हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में शासन के उच्चाधिकारियों, विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारियों व स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सफल लैंडिंग का सजीव प्रसारण देखा।

मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब चंद्रयान-2 सफल नही हो पाया तो प्रधानमंत्री ने हमारे वैज्ञानिकों को गले लगाकर उनका हौसला बढ़ाया तथा दुगनी ताकत से इस अभियान को पूर्ण करने की शुभकामनाएं दी थी।

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